चलो आज फिर थोडा मुस्कुराया जाये,
बिना माचिस के कुछ लोगो को जलाया जाये.....!!!
जैसा भी हूं अच्छा या बुरा अपने लिये हूं,
मै खुद को नही देखता औरो की नजर से….!!!
बस इतनी सी बात पर हमारा परिचय तमाम होता है,
हम उस रास्ते नही जाते जो रास्ता आम होता है…........!!!
ये मत समझ कि तेरे काबिल नहीं हैं हम,
तड़प रहे हैं वो जिसे हासिल नहीं हैं हम.....!!!
आग लगाना मेरी फितरत में नही है,
मेरी सादगी से लोग जलें तो मेरा क्या कसूर......!!!
लोग मुझे अपने होंठों से लगाए हुए हैं,
मेरी शोहरत किसी के नाम की मोहताज नहीं......!!!
लाख तलवारे बढ़ी आती हों गर्दन की तरफ,
सर झुकाना नहीं आता तो झुकाए कैसे.........!!!
हम तो इतने रोमान्टिक है की हम अगर थोड़ी देर,
मोबाइल हाथ मै लेले.. तो वो भी गरम हो जाता है......!!!
सर झुकाने की आदत नहीं है,
आँसू बहाने की आदत नहीं है,
हम खो गए तो पछताओगे बहुत,
क्युकी हमारी लौट के आने की आदत नहीं है......!!!
राज तो हमारा हर जगह पे है,
पसंद करने वालों के "दिल" में और,
नापसंद करने वालों के "दिमाग" में.......!!!
मैं लोगों से मुलाकातों के लम्हें याद रखता हूँ,
बातें भूल भी जाऊं पर लहजे याद रखता हूँ.....!!!
छोड़ दी है अब हमने वो फनकारी वरना,
तुझ जैसे हसीन तो हम कलम से बना देते थे......!!!
समंदर बहा देने का जिगर तो रखते हैं लेकिन,
हमें आशिकी की नुमाइश की आदत नहीं है दोस्त......!!!
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदल के देख,
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकल के देख.....!!!
हम जा रहे हैं वहां जहाँ दिल की हो क़दर,
बैठे रहो तुम अपनी अदायें लिये हुए........!!!
रहते हैं आस-पास ही लेकिन पास नहीं होते,
कुछ लोग मुझसे जलते हैं बस ख़ाक नहीं होते.....!!!
दुश्मनों को सज़ा देने की एक तहज़ीब है मेरी,
मैं हाथ नहीं उठाता बस नज़रों से गिरा देता हूँ......!!!
बेवक़्त, बेवजह, बेहिसाब मुस्कुरा देता हूँ,
आधे दुश्मनो को तो यूँ ही हरा देता हूँ........!!!
अपनी शख्शियत की क्या मिसाल दूँ यारों
ना जाने कितने मशहूर हो गये, मुझे बदनाम करते करते.....!!!
न मैं गिरा और न मेरी उम्मीदों के मीनार गिरे,
पर कुछ लोग मुझे गिराने में कई बार गिरे........!!!
जो खानदानी रईस हैं वो, रखते हैं मिजाज़ नर्म अपना,
तुम्हारा लहजा बता रहा है तुम्हारी दौलत नई नई है…....!!!
उसने पुछा, कहाँ रहते हो,
मैने कहा, अपनी औकात मे रहता हुं......!!!
ख़त्म हो भी तो कैसे, ये मंजिलो की आरजू,
ये रास्ते है के रुकते नहीं, और इक हम के झुकते नही......!!!
हथियार तो सिर्फ शौक के लिए रखा करते है,
वरना किसी के मन में खौंफ पैदा करने के लिए तो बस नाम ही काफी है.....!!!
ऐसा नही है कि मुझमे कोई 'ऐब' नही है,
पर सच कहता हूँ मुझमें कोई 'फरेब' नहीं है........!!!
नमक स्वाद अनुसार,
अकड औकात अनुसार.......!!!
शब्द पहचान बनें मेरी तो बेहतर है,
चेहरे का क्या है,
वो मेरे साथ ही चला जाएगा एक दिन…..!!!
अंदाज़ कुछ अलग ही मेरे सोचने का है,
सब को मंज़िल का है शौख मुझे रास्ते का है.......!!!
तेरी मोहब्बत को कभी खेल नही समजा,
वरना खेल तो इतने खेले है कि कभी हारे नही….!!!
दादागिरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे,
लोग पैदल चलेंगे और हम कंधो पर…...!!!
मुझे एक ने पूछा "कहा रहते हो"
मैंने कहा "औकात मे"
साले ने फिर पूछा "कब तक"
मैंने कहा "सामने वाला रहे तब तक"..........!!!
नफरत भी हम हैसियत देख कर करते है,
प्यार तो बहुत दूर की बात है........!!