नहीं चाहिए कुछ भी तेरी इश्क़ कि दूकान से,
हर चीज में मिलावट है बेवफाई कि......!!!
अजीब सा जहर है तेरी यादों मै,
मरते मरते मुझे सारी ज़िन्दगी लगेगी…....!!!
वो भी जिन्दा है, मैं भी जिन्दा हूँ,
क़त्ल सिर्फ इश्क़ का हुआ है.…....!!!
अगर इन आंसूओं की कुछ किमत होती,
तो कल रात वाला तकिया अरबों में बिकता…..!!!
जा जाकर धड़क उसके सीने में ऐ दिल,
हम उसके बिना जी रहे है तो तेरे बिना भी जी लेंगे….!!!
तुमने क्या सौचा कि तुम्हारे सिवा कोई नही मुझे चाहने वाला,
पगली छोङ कर तो देख, मौत तैयार खङी है मुझे अपने सीने लगाने के लीऐ…!!!
तेरी वफाओं का समन्दर किसी और के लिए होगा,
हम तो तेरे साहिल से रोज प्यासे ही गुजर जाते हैं......!!!
जब हुई थी मोहब्बत तो लगा किसी अच्छे काम का है सिला,
खबर न थी के गुनाहों कि सजा ऐसे भी मिलती है....!!!
कल रात मैंने अपने सारे ग़म कमरे की दीवारों पे लिख डाले,
बस हम सोते रहे और दीवारें रोती रहीं…...!!!
सोचा था की ख़ुदा के सिवा मुझे कोई बर्बाद कर नही सकता,
फिर उनकी मोहब्बत ने मेरे सारे वहम तोड़ दिए…….!!!
तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी,
कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई….!!!
कैसे करूं मुकदमा उस पर उसकी बेवफाई का,
कमबख्त ये दिल भी उसी का वकील निकला…...!!!
चूम कर कफ़न में लिपटें मेरे चेहरे को.. उसने तड़प के कहा,
नए कपड़े क्या पहन लिए... हमें देखते भी नहीं....!!!
जाते जाते उसने पलटकर इतना ही कहा मुझसे,
मेरी बेवफाई से ही मर जाओगे या मार के जाऊँ.....!!!
मुझे दफनाने से पहले मेरा दिल निकाल कर उसे दे देना,
मैं नही चाहता के वो खेलना छोङ दे.....…!!!
मैंने आंसू को समझाया, भरी महफ़िल में ना आया करो,
आंसू बोला, तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते है,
इसीलिए तो चुपके से चले आते है….!!!
रात सारी तड़पते रहेंगे हम,
अब...आज फिर ख़त तेरे पढ़ लिए शाम को.....!!!
ना आना लेकर उसे मेरे जनाजे में,
मेरी मोहब्बत की तौहीन होगी,
मैं चार लोगो के कंधे पर हूंगा,
और मेरी जान पैदल होगी...!!!
तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,
जिसका रास्ता बहुत खराब है,
मेरे ज़ख़्म का अंदाज़ा ना लगा,
दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है…..!!!
हमने दिल जो वापीस मांगा तो सिर जुका के बोले,
वो तो टुंट गया युहि खेलते खेलते…….!!!
एक बेबफा के जख्मो पे मरहम लगाने हम गए,
मरहम की कसम मरहम न मिला मरहम की जगह मर हम गए…!!!
खुशियाँ तो कब की रूठ गयी हैं काश की,
इस ज़िन्दगी को भी किसी की नज़र लग जाये....!!!
मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन तो है,
पर टूट कर चाहना सिर्फ एक बार होता है.......!!!
कौन खरीदेगा अब हीरों के दाम में तुम्हारें आंशू,
वो जो दर्द का सौदागर था, मोहब्बत छोड़ दी उसने......!!!
काश वो नगमे सुनाए ना होते,
आज उनको सुनकर ये आँसू आए ना होते,
अगर इस तरह भूल जाना ही था,
तो इतनी गहराई से दिल्मे समाए ना होते….!!!
ऐ ज़िन्दगी तू अपनी रफ़्तार पे ना इतरा,
जो रोक ली मैंने अपनी साँसें तो तू भी चल ना पायेगी…!!!
है.. कोई वक़ील,
जहान में… दोस्तों,
जो हारा हुआ इश्क़ जिता दे मुझको....!!!
काश बनाने वाले ने दिल कांच के बनाये होते,
तोड़ने वाले के हाथ में ज़ख्म तो आये होते.....!!!
न ठहरो मेरे दिल की वादी में चलते चले जाओ,
रूकोगी तो फिर से इश्क कर बैठोगी.....!!!
मत पूछ शीशे से उसके टूटने की वजह,
उसने भी मेरी तरह किसी पत्थर को अपना समजा होगा….!!!
मैंने इंसान की वफ़ा पर यकीन करना छोड़ दिया है,
जब किस्मत बदल सकती है तो ये मिट्टी के इंसान क्यों नहीं…..!!!
अहिस्ता कीजिये कत्ल मेरे अरमानो का,
कही सपनो से लोगो का ऐतबार ना उठ जाए….!!!
उन से कह दो अपनी ख़ास हिफाज़त किया करे,
बेशक साँसे उनकी है… पर जान तो मेरी है.…!!!
कैसे भुला दूँ उस भूलने वाले को मैं,
मौत इंसानों को आती है यादों को नहीं....!!!
प्यार में मेरे सब्र का इम्तेहान तो देखो,
वो मेरी ही बाँहों में सो गए किसी और के लिए रोते रोते…...!!!
ऐ चांद चला जा क्यो आया है मेरी चौखट पर,
छोड गये वो शख्स जिसकी याद मे हम तुझे देखा करते थे…..!!!
किनारे पर तैरने वाली लाश को देखकर ये समझ आया,
बोझ शरीर का नही साँसों का था......!!!
खामोश रह... तनहा बैठ... याद कर उस को,
तूने इश्क़ किआ है.... गुनाह छोटा नहीं है तेरा....!!!
हौसला मुज में नहीं उसको भूलाने का,
काम सदियों का लम्हों में कहाँ होता है.....!!!
बदलती चीज़ें हमेशा अच्छी लगती हैं... लेकिन,
बदलते हुए अपने कभी अच्छे नहीं लगते....!!!
अजीब लोग बसते है तेरे शहेर मे जालीम,
मरम्त कांच की करते है पथ्थर के औझार से......!!!
अहेसान तो तेरा भी है एक मुझ पर ज़ालीम,
इन नजरों से ना तु नीकला... न मुझे नीकलने दीया......!!!
हम ने कब माँगा है तुम से अपनी वफ़ाओं का सिला
बस दर्द देते रहा करो "मोहब्बत" बढ़ती जाएगी.....!!!
मैं अपनी चाहतों का हिसाब करने जो बेठ जाऊ,
तुम तो सिर्फ मेरा याद करना भी ना लोटा सकोगे…...!!!
उसे ये कोन बतलाये... उसे ये कोन समझाए कि,
खामोश रहने से ताल्लुक टूट जाते है....!!!
समंदर के बीच पहुँच कर फ़रेब किया उसने,
वो कहता तो सही… किनारे पर ही डूब जाते हम.....!!!
इस दुनिया के लोग भी कितने अजीब है ना,
सारे खिलौने छोड़ कर जज़बातों से खेलते हैं…!!!
वो जान गया हमें दर्द में भी मुस्कुराने की आदत है,
इसलिए वो रोज़ नया दुःख देता है मेरी ख़ुशी के लिए.....!!!
इतना, आसान हूँ कि हर किसी को समझ आ जाता हूँ,
शायद तुमने ही... पन्ने छोड़ छोड़ कर पढ़ा है मुझे.…!!!
ख़बरदार दुबारा मोहब्बत न करना,
जरुरी नहीं हर बार खुदकुशी की कोशिश करके जिन्दा बच जाओगे....!!!
मोहब्बत भी होती है तो ज़रुरत के पेश-ए-नज़र,
अब एक नज़र में लुट जाने का ज़माना नहीं रहा…..!!!
जिन्दगी आज कल गुजर रही है इम्तिहानो के दौर से,
एक जख्म भरता नही दूसरा आने की जिद करता है….!!!
भरम है.. तो भरम ही रहने दो…. जानता हूं मोहोब्बत नहीं है,
पर जो भी है… कुछ देर तो रहने दो…!!!
फिर कहीं से दर्द के सिक्के मिलेंगे,
ये हथेली आज फिर खुजला रही है........!!!
पढ़नेवाले की कमी है,
वरना…गिरते आँसू भी एक किताब है……!!!
मैं मर भी जाऊ... तो उसे ख़बर भी ना होने देना,
मशरूफ़ सा शख्स है... कही उसका वक़्त बर्बाद ना हो जाये…!!!
मेरी सब कोशिशें नाकाम थी उनको मनाने कि,
कहाँ सीखीं है ज़ालिम ने अदाएं रूठ जाने कि....!!!
ज़िन्दगी ने आज कह दिया है मुझे,
किसी और से प्यार है,
मेरी मौत से पूछो,
अब उसे किस बात का इंतज़ार है.....!!!
पैसे के नशे में जब आदमी चूर होता है,
उसे लालच का हर फैसला मंजूर होता है.....!!!
जिंदगी तो उसकी है जिसकी मौत पे जमाना अफसोस करे,
वरना जनम तो हर किसी का मरने के लिए ही होता है….!!!
साथ छोडने वालो को तो बस.. ऐक बहाना चाहिए,
वरना निभाने वाले तो मौत के दरवाझे तक साथ नही छोडते.....!!!
छोड दी हमने हमेशा के लिए उसकी आरजू करना,
जिसे मोहब्बत की कद्र ना हो उसे दुआओ मे क्या मांगना….!!!
ऐ खुदा…!!
तुजसे एक सवाल है मेरा,
उसके चहेरे क्यूँ नहीं बदलते,
जो इन्शान "बदल" जाते है.….!!!
मैं उसकी ज़िंदगी से चला जाऊं यह उसकी दुआ थी,
और उसकी हर दुआ पूरी हो यह मेरी दुआ थी.....!!!
बहुत अंदर तक तबाही मचा देता है,
वो अश्क जो आँख से बह नहीं पाता.....!!!
दर्द की दीवार पर फरियाद लिखा करते हैं,
हर रात तन्हाई को आबाद किया करते है.......!!!
ज़िन्दा है तो बस तेरी ही इश्क की रहेमत पर,
मर गए हम तो समझना तेरा प्यार कम पड़ा रहा था.....!!!
गुमान न कर अपनी खुश-नसीबी का
खुदा ने गर चाहा तो तुझे भी इश्क होगा......!!!
मोत से पहेले भी एक मौत होती है,
देखो जरा तुम जुदा होकर किसी से......!!!
अगर रुक जाये मेरी धड़कन तो इसे मौत न समझना,
अक्सर ऐसा हुआ है तुझे याद करते करते….!!!
गिनती में ज़रा कमज़ोर हुं,
ज़ख्म बेहिसाब ना दिया करो.…!!!
ना इश्क़ हार मानता,
और ना ही दिल बात मानता,
क्यों नहीं तुम ही मान जाते......!!!
काश तुम मौत होती तो,
एक दिन मेरी जरूर होती……!!!
हर मुलाक़ात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ,
हर याद पे दिल का दर्द ताज़ा हुआ.....!!!
जब तक ना लगे बेवफाई की ठोकर,
हर कीसी को अपनी पसंद पे नाझ होता है.....!!!
संग-ए-मरमर से तराशा खुदा ने तेरे बदन को,
बाकी जो पत्थर बचा उससे तेरा दिल बना दिया......!!!
मजबूरिया थी उनकी... और जुदा हम हुए,
तब भी कहते है वो… कि बेवफ़ा हम हुए….....!!!
ना हँसते ख़ुद-ब-ख़ुद तो…कब के मर जाते,
ज़िन्दगी तूने तो कभी, मुस्कुराने की वज़ह नहीं दी.....!!!
करेगा जमाना भी हमारी कदर एक दिन,
देख लेना.. बस जरा वफ़ा की बुरी आदत छुट जाने दो…..!!!
ये भी अच्छा हुआ कि,
कुदरत ने रंगीन नही रखे ये आँसू,
वरना जिसके दामन में गिरते,
वो भी… बदनाम हो जाता….!!!
इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत का अन्दाजा,
वो मुझे सलाम करते है जिन्हे तु सलाम करती हैं......!!!
ऐ मेरा जनाज़ा उठाने वालो, देखना कोई बेवफा पास न हो,
अगर हो तो उस से कहना, आज तो खुशी का मौका है, उदास न हो.....!!!
अब अपने ज़ख़्म दिखाऊँ किसे और किसे नहीं,
बेगाने समझते नहीं और अपनो को दिखते नहीं…..!!!
किसी को इश्क़ की अच्छाई ने मार डाला,
किसी को इश्क़ की गहराई ने मार डाला,
करके इश्क़ कोई ना बच सका,
जो बच गया उससे तन्हाई ने मार डाला.....!!!
चुपके चुपके पहले वो ज़िन्दगी में आते हैं,
मीठी मीठी बातों से दिल में उतर जाते है,
बच के रहना इन हुसन वालों से यारो,
इन की आग में कई आशिक जल जाते हैं......!!!
रुखसत हुए तेरी गली से हम आज कुछ इस कदर,
लोगो के मुह पे राम नाम था,
और मेरे दिल में बस तेरा नाम था….!!!
जुल्फों को फैला कर जब कोई महबूबा किसी आशिक की कब्र पर रोती है,
तब महसूस होता है कि मौत भी कितनी हसीं होती हे…..!!!
उनके लिए जब हमने भटकना छोड़ दिया,
याद में उनकी जब तड़पना छोड़ दिया,
वो रोये बहुत आकर तब हमारे पास,
जब हमारे दिल ने धडकना छोड़ दिया.....!!!
उसने महबूब ही तो बदला है फिर ताज्जुब कैसा,
दुआ कबूल ना हो तो लोग खुदा तक बदल लेते है.....!!!
उनको कहना कि आकर ये दिल भी ले जाये
अब ये मेरी सुनता ही नहीं फिर इसका करूँ क्या......!!!
चाँद उतरा था हमारे आँगन में,
ये सितारों को गवाँरा ना हुआ,
हम भी सितारों से क्या गिला करें,
जब चाँद ही हमारा ना हुआ…....!!!
टूट जाऊँ मोहब्बत में या फिर टूट कर मोहब्बत करुँ,
इस बार मेरे पास बस इक यहीं रास्ता हैं......!!!
तू बदनाम ना हो,
सिर्फ इसलिये जी रहा हूं मै,
वरना तेरी चौखट पे मरने का,
इरादा तो रोज़ ही होता है…..!!!
तड़पते है नींद के लिए तो यही दुआ निकलती है,
बहुत बुरी है मोहबत,
किसी दुश्मन को भी ना हो….....!!!
तेरे होते हुए भी तन्हाई मिली है,
वफ़ा करके भी देखो बुराई मिली है,
जितनी दुआ की तुम्हे पाने की,
उस से ज़यादा तेरी जुदाई मिली है…...!!!
पत्थरों से प्यार किया नादान थे हम,
गलती हुई क्योकि इंशान थे हम,
आज जिन्हें नज़रें मिलाने में तकलीफ होती हैं,
कभी उसी शख्स की जान थे हम…..!!!
चिराग से न पूछो बाकि तेल कितना है,
सांसो से न पूछो बाकि खेल कितना है,
पूछो उस कफ़न में लिपटे मुर्दे से,
जिन्दगी में गम और कफ़न में चैन कितना है.....!!!
याद हँ मुझे मेरे सारे गुनाह,
एक मोहब्बत करली,
दूसरा तुमसे कर ली,
तीसरा बेपनह कर ली.......!!!
अपनी तो ज़िन्दगी है अजीब कहानी है,
जिस चीज़ को चाह है वो ही बेगानी है,
हँसते भी है तो दुनिया को हँसाने के लिए,
वरना दुनिया डूब जाये इन आखों में इतना पानी है.....!!!
पलकों में आँसु और दिल में दर्द सोया है,
हँसने वालो को क्या पता, रोने वाला किस कदर रोया है,
ये तो बस वही जान सकता है मेरी तनहाई का आलम,
जिसने जिन्दगी में किसी को पाने से पहले खोया है........!!!
साँचे में किसी और की मुहब्बत के हमने, खुद को कभी ढलने नहीं दिया,
आँखों को आज भी तेरा इन्तजार है कि गुलाल किसी को मलने नहीं दिया....!!!
कभी जिंदगी में किसी के लिये मत रोना,
क्योंकि वो तुम्हारे आँसुओं के क़ाबिल ना होगा,
और जो इन आँसुओं के क़ाबिल होगा, वह तुम्हें रोने ही नहीं देगा....!!!
कुछ इस तरह से वफ़ा की मिसाल देता हु,
सवाल करता है कोई तो टाल देता हु,
उसी से खाता हूँ अक्सर फरेब मंजिल का,
मैं जिसके पाँव से काँटा निकाल देता हु…...!!!
वो रोए तो बहुत, पर मुझसे मूह मोड़ कर रोए,
कोई मजबूरी होगी तो दिल तोड़ कर रोए,
मेरे सामने कर दिए मेरे तस्वीर के टुकड़े,
पता चला मेरे पीछे वो उन्हे जोड़ कर रोए......!!!
याद नही करोगे तो भुला भी ना सकोगे,
मेरा ख्याल ज़ेहन से मिटा भी ना सकोगे,
एक बार जो तुम मेरे गम से मिलोगे,
तो सारी उमर मुस्कुरा ना सकोगे.......!!!
मोती हूँ तो दामन में पिरो लो मुझे अपने,
आँसू हूँ तो पलकों से गिरा क्यूँ नहीं देते,
साया हूँ तो साथ ना रखने कि वज़ह क्या,
पत्थर हूँ तो रास्ते से हटा क्यूँ नहीं देते.......!!!
ना तस्वीर है उसकी जो दिदार किया जाऐ,
ना पास है वो जो उससे प्यार किया जाऐ,
ये कैसा दर्द दिया उस बेदर्द ने,
ना उससे कुछ कहा जाऐ... ना उसके बिन रहा जाऐ.....!!!
नसीबों के खेल भी अजीब होते हैं,
प्यार में आंसू ही नसीब होते हैं,
कौन होना चाहता हे अपनों से जुदा,
पर अक्सर बिछड़ते हैं वो जो करीब होते हैं......!!!
बेआबरू होके महेफिल से निकल गये हम,
किसी और की आबरू की खातिर…..!!!
अपनो को दूर होते देखा,
सपनो को चूर होते देखा,
अरे लोग कहते हैँ की फूल कभी रोते नही,
हमने फूलोँ को भी तन्हाइयोँ मे रोते देखा......!!!
इंतज़ार की आरज़ू अब खो गयी है,
खामोशियो की आदत हो गयी है,
न सीकवा रहा न शिकायत किसी से,
अगर है तो एक मोहब्बत,
जो इन तन्हाइयों से हो गई है......!!!
हम अपना दर्द किसी को कहते नही,
वो सोचते हैं की हम तन्हाई सहते नही,
आँखों से आँसू निकले भी तो कैसे,
क्योकि सूखे हुवे दरिया कभी बहते नही......!!!
जीना चाहता हूँ मगर जिदगी राज़ नहीं आती,
मरना चाहता हूँ मगर मौत पास नहीं आती,
उदास हु इस जिनदगी से,
क्युकी उसकी यादे भी तो तरपाने से बाज नहीं आती....!!!
कोई वादा नहीं फिर भी प्यार है,
जुदाई के बावजूद भी तुझपे अधिकार है,
तेरे चेहरे की उदासी दे रही है गवाही,
मुझसे मिलने को तू भी बेक़रार है.....!!!
कोई रूह का तलबगार मिले तो हम भी महोब्बत कर ले,
यहाँ दिल तो बहुत मिलते है, बस कोई दिल से नहीं मिलता…!!!
लोगों ने पूछा कि कौन है वोह,
जो तेरी ये उदास हालत कर गया,
मैंने मुस्कुरा के कहा उसका नाम,
हर किसी के लबों पर अच्छा नहीं लगता.…!!!